रघुनन्दन त्रिवेदी वाक्य
उच्चारण: [ reghunenden terivedi ]
उदाहरण वाक्य
- रघुनन्दन त्रिवेदी (१७ जनवरी १९५५-१० जुलाई २००४ हिन्दी के कवि और लेखक हैं।
- 1. सत्र के अन्त में राजस्थान के प्रसिध्द लेखक स्व रघुनन्दन त्रिवेदी की स्मृति में दो मिनट का मौन रखा गया।
- यह भी अजीब संयोग है कि संजीव मिश्र और रघुनन्दन त्रिवेदी की तरह लवलीन भी नया साल शुरू होते ही याने जनवरी में हमसे बिछुडी।
- लवलीन अभी पचास की भी नहीं हुई थी कि अपने दोस्तों में से अशोक शास्त्री, संजीव मिश्र, रघुनन्दन त्रिवेदी और कुमार अहस्कर जैसे दुनिया से जल्दी कूच कर जाने वाले मित्रों के बीच पहुँच गई।
- दसवें दशक में संजय, प्रेमकुमार मिश्र, रघुनन्दन त्रिवेदी, संजय खाती, अलका सारावगी जैसे लेखकों ने अपनी प्रारम्भिक रचनाओं के द्वारा अपने प्रौढ़ लेखन एवं विचारों की स्पष्ट अभिव्यक्ति से विस्मित किया है और नई संभावनाओं की ओर संकेत दिया है।
- रघुनन्दन त्रिवेदी की कहानी ' गुड्डू बाबू की सेल', महेश कटारे की 'इकाई,दहाई...',अरुण कुमार असफल की'पांच का सिक्का',उमाशंकर चौधरी की 'अयोध्या बाबू सनक गए हैं' तथा गीत चतुर्वेदी की 'सावंत आंटी की लड़कियाँ' की विशेष चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि साहित्य जरूरत और लालसा के अंतर की बारीकियां समझाकर पाठक को विवेकवान बनाता है.
- रघुनन्दन त्रिवेदी की कहानी ' गुड्डू बाबू की सेल', महेश कटारे की 'इकाई, दहाई...', अरुण कुमार असफल की 'पांच का सिक्का', उमाशंकर चौधरी की 'अयोध्या बाबू सनक गए हैं' तथा गीत चतुर्वेदी की 'सावंत आंटी की लड़कियाँ' की विशेष चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि साहित्य जरूरत और लालसा के अंतर की बारीकियां समझाकर पाठक को विवेकवान बनाता है।
- रघुनन्दन त्रिवेदी की कहानी ' गुड्डू बाबू की सेल ', महेश कटारे की ' इकाई, दहा ई... ', अरुण कुमार असफल की ' पांच का सिक्का ', उमाशंकर चौधरी की ' अयोध्या बाबू सनक गए हैं ' तथा गीत चतुर्वेदी की ' सावंत आंटी की लड़कियाँ ' की विशेष चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि साहित्य जरूरत और लालसा के अंतर की बारीकियां समझाकर पाठक को विवेकवान बनाता है.
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